Sajeevan Sajana Story: महिला प्रीमियर लीग के दुसरे सीजन (WPL 2024) का पहला मुकाबला 23 फरवरी को मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स (MIW vs DCW) के बीच खेला गया. बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा. आखिरी गेंद तक चले इस मुकाबले में मुंबई इंडियंस (Mubai Indians Women) ने 4 विकेट से जीत हासिल की. मुंबई के लिए बल्लेबाज सजीवन सजना (Sajeevan Sajana) ने आखिरी गेंद पर विजयी छक्का लगाया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ़ हो रही हैं.
सजीवन सजना ने बनाया खास रिकॉर्ड
सजीवन सजना (Sajeevan Sajana) ने महिला प्रीमियर लीग के अपने डेब्यू मैच में ही विजयी छक्का लगाकर एक खास रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया. सजना मैच की आखिरी गेंद पर पहली बार बल्लेबाजी के लिए उतरी और छक्का लगा कर मैच जीता दिया. महिला टी20 इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. सजना जब क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आई तो टीम को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 5 रनों की जरुरत थी और सजना ने छक्का लगाकर मैच जिता दिया.
सजना के लिए महिला प्रीमियर लीग के उनके करियर की यह पहली गेंद थी. मैच की बात करें तो टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals Women) की टीम ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 171 रनों का स्कोर खड़ा किया. जवाब में मुंबई ने इस लक्ष्य को आखिरी गेंद पर 6 विकेट खोकर पूरा कर लिया.
मैच के बाद सजना ने क्या कहा?
You saw her hit the winning six on the final ball of the #TATAWPL Season 2 opener 😃👌
It’s now time to hear Sajeevan Sajana’s inspiring journey as she chats up with another match-winner @YastikaBhatia 👌👌
Full Conversation 🎥🔽 #MIvDC | @mipaltan
— Women’s Premier League (WPL) (@wplt20) February 24, 2024
मुंबई ने लगाया था दांव
सजना (Sajeevan Sajana) को मुंबई इंडियंस ने नीलामी में 10 लाख की रकम देकर अपने साथ जोड़ा था. सजना एक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं, जो दाएं हाथ से धमाकेदार बल्लेबाजी करने के अलावा दाएं हाथ से ही ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करती हैं. सजना केरल के वायनाड की रहने वाली हैं, और लम्बे समय से केरल टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उन्हें अभी तक भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है. अगर वह अपने प्रदर्शन को आगे भी बरकरार रखती हैं, तो उन्हें जल्द ही भारतीय कैप भी मिल जाएगी.
संघर्षों से भरा रहा है जीवन
सजना (Sajeevan Sajana) को यहाँ तक पहुँचने में काफी संघर्षों के दौर से गुजरना पड़ा है. उनके पिता सजीवन एक ऑटो चालाक है और उनकी माँ शारदा पार्षद है. उन्हें शुरुआत में पैसों की काफी तंगी रहती थी. जिला स्तर पर खेलने के बाद से उनकी जिन्दगी में काफी सुधार आया. इससे कमाए पैसों से उनका घर भी चलने लगा और अपने करियर को आगे ले जाने में भी मदद मिली. 2018 का साल उनके लिए काफी बुरा रहा था, जब केरल में आई भीषण बाढ़ में उनका सबकुछ तबाह हो गया था.
बता दें कि 18 साल के उम्र तक तो उन्होंने असली बल्ला भी नहीं पकड़ा था. उस समय तक वो प्लास्टिक और नारियल की लकड़ी से बने बल्ले से ही खेलती आ रही थी. उसके बाद उन्हें सही बल्ला मिला और फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सजना अभी अभी तक दो बार केरल की क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर चुनी जा चुकी हैं. उन्हें 2015 और 2017 में यह पुरस्कार मिला है. सजना महिला प्रीमियर लीग में खेलने वाली कुरिचिया जनजाति की केवल दूसरी क्रिकेटर हैं. इससे पहले मिन्नू मणि को यह मौका मिल चुका है. मिन्नू दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा है.
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